एक आदमी का अकेले कठिन सफ़र
पेड़ के नीचे उस आदमी के मुंह में सांप का दाखिल होना
एक घोड़े सवार का जबरदस्ती सेब खिलाना
दौड़ने के बाद उल्टी करना
एक आदमी का अकेले कठिन सफ़र
एक आदमी जंगल और रेगिस्तान में पैदल सफ़र कर रहा था। काफी कठिन सफ़र के कारण वह बहुत थक गया था। थोड़ी देर आराम करने के लिए वह एक साए वाले पेड़ के नीचे लेट गया। थकावट के कारण वह गहरी नींद में सो गया। दूर से एक अक्लमंद घोड़े सवार उसके करीब आ रहा था। कुछ दूरी से उस सोए हुए आदमी पर नजर पड़ी। उस सोए हुए आदमी के चेहरे पर एक काला सांप बैठा था। सोए हुए आदमी को उस सांप से बचाने के लिए वोह घोड़े से नीचे उतरने वाला ही था
पेड़ के नीचे उस आदमी के मुंह में सांप का दाखिल होना
काला सांप उसके मुंह में घुस गया और पेट में चला गया घोड़े सवार ने जब यह देखा तो उसने सोचा कि सांप को उसके पेट से किस तरह निकाला जाए उसको एक आइडिया सुझा उसने सोए हुए नादान और इस बात से बेखबर आदमी को दो चार घूंसे पेट में मारे वह आदमी घबरा कर उठ खड़ा हुआ और भाग ने लगा घोड़े सवार ने भी उसके पीछे भागना शुरू कर दिया
घोड़े सवार का जबरदस्ती सेब खिलाना
रास्ते में एक सेब के पेड़ के नीचे कुछ कच्चे पक्के सेब पड़े हुए थे घोड़े सवार ने उसे कहां यह सब उठकर खाना शुरू कर दूंगा वरना तुम्हारा मार मार कर बुरा हाल कर दूंगा और कचुंबर बना दूंगा मरता क्या न करता उसने वह कच्चे पक्के सेब खाना शुरू कर दिए वह सब खाकर थक गया और उसका पेट भर गया और बिल्कुल उसके पेट में जगह नहीं बची और उल्टी जैसी हालत उसकी हो गई तो उस घोड़े सवार ने उसको कहा अब मेरे आगे आगे भाग अगर कहीं खड़ा रहा तो मैं तुझे जान से मार दूंगा
वह मुसाफिर फिर से दौड़ने लगा जब दौड़ते दौड़ते हद से ज्यादा थक गया और सुस्ताने लगा तो घोड़े से मारने फिर एक जोर से घुसा मार दिया वह बेचारा हाथ जोड़कर कहने लगा मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है आप मुझे किस जुर्म की सजा दे रहे हो अगर तुमको मुझसे पैदाइशी दुश्मनी है तो मेरा सिर धड़ से अलग कर दो और मुझे मार दो कम से कम मुझको ऐसे तड़पा तड़पा के तो ना मारो कौन सी मनहूस घड़ी में तेरी नजर मुझ पर पड़ी हैं ए अल्लाह के बंदे ना मैंने किसी के साथ ना विश्वासघात किया और न मैने किसी को परेशान किया जो तुम मुझे ऐसे सता रहे हो
दौड़ने के बाद उल्टी करना
घोड़े सवार ने कहां अगर तू अपनी जान बचाना चाहता है तो फिर से भागना शुरू कर दे थोड़ी देर बाद तुम्हें पता चल जाएगा वह फिर रोता हुआ उठकर भागने लगा सेब की वजह से पेट एकदम फुल भरा हुआ था भागने से उसको उल्टी जैसा महसूस होने लगा भागते भागते वह मुंह के बल गिर पड़ा और के उल्टी पर उल्टी करने लगे जल्दी-जल्दी में उल्टी की वजह से सारा खाना बाहर निकल गया और उसी में वह काला सांप भी उसके पेट से बाहर निकल आया।
उसने जब यह देखा तो एकदम से डर गया
और थर थर कांप ने लगा थोड़ी देर के बाद उसे पर जो तकलीफों का पहाड़ गिरा हुआ था वह सब दूर हो गई और फिर अचानक से वह उसे घोड़े सवार के पैरों में गिर पड़ा और माफी मांगने लगा और कहने लगा मेरे लिए तू रहमत का फरिश्ता बनकर आया है अब उसको समझ आ गया और घोड़े सवारने किस वजह से उसको मारा पीटा और जबरदस्ती से सेब खिलाकर उसको दौडाया घोड़े सवाल का वह है दिल से शुक्रिया अदा करने लगा। 'तू मेरा सरदार है. क्या वह घड़ी थी तूने मुझे इस हाल में देखलिया? वरना मेरा काम तो तमाम हो चुका था। घोड़े सामान्य कहां? अगर मैं तुझे यह बात बता देता कि तेरे पेट के अंदर सांप चला गया है, तो तू उसी वक्त घबरा जाता और तू अपनी जान से हाथ धो बैठता।'
इस कहानी से हमें यह समझ में आता है कि समझदार दुश्मन बेवकूफ और नादान दोस्त से काफी बेहतर है घोड़े सवार ने कितनी समझदारी से कम लिया आज के टाइम में अगर कोई बीमार होता है और गंभीर बीमारी हो जाती है तो लोग उसको डराने में लग जाते हैं हालांकि उसका सही से इलाज और हिम्मत देने की जरूरत होती है
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